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यह विश्राम का समय नहीं आवो उठो के अब आसमां को बढ़त

यह विश्राम का समय नहीं
आवो उठो के अब आसमां को बढ़ते है,
लगाकर सिढी़यां अब चांद को चढ़ते है,
कैसे करेंगे ?  किसतरह करेंगे ?
नादान रो मयत मुस्कुरा "इब्राहिमी",,,,,
हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खु़दा,
यह थकावट व हैरान का समय नहीं
यह विश्राम का समय नहीं

©AL ibrahimi poetry #aawo badho

#ClimbTheSky
यह विश्राम का समय नहीं
आवो उठो के अब आसमां को बढ़ते है,
लगाकर सिढी़यां अब चांद को चढ़ते है,
कैसे करेंगे ?  किसतरह करेंगे ?
नादान रो मयत मुस्कुरा "इब्राहिमी",,,,,
हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खु़दा,
यह थकावट व हैरान का समय नहीं
यह विश्राम का समय नहीं

©AL ibrahimi poetry #aawo badho

#ClimbTheSky