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मानव को किसी भी संकट से न हो हताशा, दूर हो विलाप,

मानव को किसी भी संकट से न हो हताशा,
दूर हो विलाप, ईर्ष्या, रोग, द्वेष और निराशा।
नस्लभेद, आतंकवाद का अब न हो तमाशा,
जीवन को नए तरीक़े से फिर से जाए तराशा।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #हताशा