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देश खुशहाल रहे, हम रहे ना रहे, बस यही दिली तम्मन्

देश खुशहाल रहे, हम रहे ना रहे,
बस यही  दिली तम्मन्ना पाली थी,
ज़िन्दगी का क्या था? 
वो तो कभी ना कभी खत्म ही हो जानी थी।

सरहद पर खड़ा रहा था ,
इसलिए तेरे मेरे त्यौहार यहां शांति से मनते हैं।
उसने हमारी ख़ुशी के लिए बलिदान दिया था,
उसके लिए कितनो की आंखों में आसूं छलकते  हैं?
                                   ----------------आनन्द

©आनन्द #भारतीय_सेना 
#IndianArmy 
#rakshabandhan 
#Rakhi 
#Anand_Ghaziabadi 
#आनन्द_गाजियाबादी 
#India2021
देश खुशहाल रहे, हम रहे ना रहे,
बस यही  दिली तम्मन्ना पाली थी,
ज़िन्दगी का क्या था? 
वो तो कभी ना कभी खत्म ही हो जानी थी।

सरहद पर खड़ा रहा था ,
इसलिए तेरे मेरे त्यौहार यहां शांति से मनते हैं।
उसने हमारी ख़ुशी के लिए बलिदान दिया था,
उसके लिए कितनो की आंखों में आसूं छलकते  हैं?
                                   ----------------आनन्द

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