आज यूंँ ही मै कुछ देर अधमरे पेड़ की छांव मे बैठ गया तपती इस दुपहरी मे कितना कुछ मै झेल गया तैर गया आंखों मे मेरी मेरा वो बचपन सुहाना हरे भरे बगीचों मे बीता वो गुज़रा हुआ जमाना अब तो यहाँ पर सिर्फ ये ईट पत्थर दिखते है सीमेन्ट से सनी इस जमीन पर कहाँ पेड़ पौधे दिखते है #तपिश #छाँव #savetrees #yqbaba #yqdidi #yqquotes