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"मज़बूर तेरे दर्द में" हमने, जीना छोड़ दिया। ख़

"मज़बूर  तेरे  दर्द  में"  हमने, 
जीना छोड़ दिया। 
ख़ुश  हो  कर  दिल  का  दर्द, 
सहना सीख लिया। 
आँखों  के  इंतजार  को अब, 
ख़तम हमने कर दिया। 
मुमकिन हो न सका जो, 
उस मोहब्बत की किताब को
बंद हमने कर दिया। 
दूर रहकर उस  दर्द को हमने,
मर्ज़े-ए-दवा बना लिया। 

#सुचितापाण्डेय✍️


 🎀 Challenge-338 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 30 शब्दों अथवा 4  पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।
"मज़बूर  तेरे  दर्द  में"  हमने, 
जीना छोड़ दिया। 
ख़ुश  हो  कर  दिल  का  दर्द, 
सहना सीख लिया। 
आँखों  के  इंतजार  को अब, 
ख़तम हमने कर दिया। 
मुमकिन हो न सका जो, 
उस मोहब्बत की किताब को
बंद हमने कर दिया। 
दूर रहकर उस  दर्द को हमने,
मर्ज़े-ए-दवा बना लिया। 

#सुचितापाण्डेय✍️


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🎀 Challenge-338 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 30 शब्दों अथवा 4  पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #मजबूर #कोराकाग़ज़ #सुचितापाण्डेय✍️