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उड़े अबीर,गुलाल सतरंगी चमके दमक मस्त मनमौजी रंगों क

उड़े अबीर,गुलाल सतरंगी
चमके दमक मस्त मनमौजी
रंगों का महोत्सव अलबेला
आई होली बनके मनमर्जी।

कोई बजाए ढोल- नगाड़ा
सुर-बेसुरों का हो गया जमावड़ा
बार-बार दिल की बेताबी
बढ़ती जाये जिया बेकरारी।

कोई शर्बत ठंडाई ले आया
भांग पीकर हो गया मतवाला
कौन बताये क्या बतलाये
सबके किस्से अटपटा रसीला।

आओ यारो आज मनाए
रंग भेद को दूर भगाएं
मानवता का एक हो रंग
एक भारत का चमन खिलाएं।

भांति-भांति के संस्कृति हमारी
विविधता में सजता रंगों की होली
साथ-साथ की मित्रता,प्रेम और
हर रिश्ते को मनाए मन की होली।।

                                         सुनील✍️✍️✍️

होली के महापर्व की शुभकामनाएं💐💐💐
आपके जीवन मे सरलता के रंग खूब निखरे ईश्वर से 
यही प्रार्थना है।।
राधे-राधे🙏🙏🙏

©Sunil lambadi
  हैप्पी होली.......

हैप्पी होली....... #कविता

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