मेरा बचपना 😊तेरे दिए पुराने घाव, दिल में जिन्दा आज भी है.. तूने बेचा है बचपन मेरा, ये एहसास कुछ खास आज भी है.. ये खुदा मुझे तू रिहाई देदे, उन दिखावी रिस्तो से बस बिदाई देदे.. कुछ सफर को भूलना आसान तो नही, तू चाहे तो नामुमकीन सा कुछ भी नही.. अब बेवजह ही रुक से जाते है, ये कदम यूही चलते चलते... मानो जम सी गयी हो सर्दियों में , बर्फ की ढेर हो जैसे... 💦क्यु भीग सी जाती हू?.. बिना बारिश के ही...... कभी काप सी जाती हु बेवजह यूही! माना तू खेल कर जो जीत गया है, हम बिन खेले ही जीत गए है... खोया है खुदका बचपन तो क्या? आज भी खुदको बचपना सा भरा नादान परिंदा बनाए रखा है...☺️ _✍️Bhumi choure bhumika