Nojoto: Largest Storytelling Platform

आत्मा वनवासी हैं मेरी.. आपको मेरे साथ जंगल जंगल घ

आत्मा वनवासी हैं मेरी..
आपको  मेरे साथ जंगल जंगल घूमना होगा,

 धूप पसंद है मुझे
आपको मेरे लिए जलना होगा,
छाँव तलाशती हूँ
जब झुलसने लगती हूँ,
आपको ही मेरा बरगद भी बनना होगा,
मिट्टी लगे पैरों से नापती हूँ धरती सारी
आपको भी नंगे पैर मेरे साथ चलना होगा,

आपके प्रेम का अस्तित्व तभी है
जब आप समझ सको मुझे,
अँधेरे में बैठ कर आप  रोशनी के लिए भी सिर्फ़ मुझे ही ढूँढो,
मुझे आपसे ऐसा प्रेम चाहिए..

एक छोटे कीट से लेकर पूरे ब्रह्माण्ड तक
आपको सिर्फ़ मैं दिखाई देनी चाहिए 
मुझे आपसे ऐसा प्रेम चाहिए..

मुझे आपसे ऐसा प्रेम चाहिए..
जो एक शिशु का माँ के लिए होता है,
जीवन के लिए समर्पण और आसक्ति वाला प्रेम

और फिर..
आपसे ऐसा प्रेम पाने के बाद,
मुझे किसी ईश्वर की आवश्यकता ही नहीं रहेगी
क्यूंकि तब सिर्फ़ आप  ही मेरे ईश्वर होंगे ।

आपके ईश्वर होने के बाद
मैं करुँगी आपकी पूजा,
मैं दिखाउंगी अपना समर्पण अपने इस ईश्वर के प्रति,
हर कालखंड में आप ही मेरे इष्ट होंगे..
आपकी देह रूपी मंदिर की दीवारों पर
मैं ही अभिलेख बन ख़ुद को उकेरूंगी,
आपकी हर एक शिला पर मैं अपना प्रेम नक्काशित करुंगी,

और ये मंदिर सदियों तक जाना जायेगा
पुरातात्विक प्रेम मंदिर ..।

©शालिनी सिंह #World_Forest_Day
आत्मा वनवासी हैं मेरी..
आपको  मेरे साथ जंगल जंगल घूमना होगा,

 धूप पसंद है मुझे
आपको मेरे लिए जलना होगा,
छाँव तलाशती हूँ
जब झुलसने लगती हूँ,
आपको ही मेरा बरगद भी बनना होगा,
मिट्टी लगे पैरों से नापती हूँ धरती सारी
आपको भी नंगे पैर मेरे साथ चलना होगा,

आपके प्रेम का अस्तित्व तभी है
जब आप समझ सको मुझे,
अँधेरे में बैठ कर आप  रोशनी के लिए भी सिर्फ़ मुझे ही ढूँढो,
मुझे आपसे ऐसा प्रेम चाहिए..

एक छोटे कीट से लेकर पूरे ब्रह्माण्ड तक
आपको सिर्फ़ मैं दिखाई देनी चाहिए 
मुझे आपसे ऐसा प्रेम चाहिए..

मुझे आपसे ऐसा प्रेम चाहिए..
जो एक शिशु का माँ के लिए होता है,
जीवन के लिए समर्पण और आसक्ति वाला प्रेम

और फिर..
आपसे ऐसा प्रेम पाने के बाद,
मुझे किसी ईश्वर की आवश्यकता ही नहीं रहेगी
क्यूंकि तब सिर्फ़ आप  ही मेरे ईश्वर होंगे ।

आपके ईश्वर होने के बाद
मैं करुँगी आपकी पूजा,
मैं दिखाउंगी अपना समर्पण अपने इस ईश्वर के प्रति,
हर कालखंड में आप ही मेरे इष्ट होंगे..
आपकी देह रूपी मंदिर की दीवारों पर
मैं ही अभिलेख बन ख़ुद को उकेरूंगी,
आपकी हर एक शिला पर मैं अपना प्रेम नक्काशित करुंगी,

और ये मंदिर सदियों तक जाना जायेगा
पुरातात्विक प्रेम मंदिर ..।

©शालिनी सिंह #World_Forest_Day