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★कलम छोड़ कर सीमा पर ★ इतिहास पूर्वजो वाला अब फिर स

★कलम छोड़ कर सीमा पर ★
इतिहास पूर्वजो वाला अब फिर से दोहराया जाएगा 
यदि पाप विश्व भर में फैला तो विश्व मिटाया जाएगा 
इतिहास पूर्वजो वाला ..................🚩🚩🚩🚩
यह कृष्णभूमि यह रामभूमि ,यह मातृभूमि मेरी जन्मभूमि 
हम स्वर्ग से वापस आ जाये ,जो तनिक पुकारे मातृभूमि 
भारत ही है मेरा जीवन ,भारत ही मेरे प्राण आज  
भारत भविष्य का ज्ञाता है ,भारत मे ही सब छुपे राज
भारत की अजब कहानी है ,भारत की व्यथा पुरानी है 
तुफानो के रुख मोड़े जो वो भरत वंश का पानी है 
भारत हो तुम भारत हूँ मैं ,भारत ही तो अपना दिल है
भारत से शुरू मेरी दुनिया ,भारत ही मेरी मंजिल है  
भारत ही अपनी धड़कन है ,भारत ही बसा है साँसों में 
भारत अपने अहसासों में ,भारत अपने विश्वासो में 
भारत माता को दुष्टो की नजरों से बचाया जाएगा 
यदि पाप विश्व भर में फैला तो ...............🚩🚩🚩🚩
ऐ दुष्ट पाक ,ना  कोई बात ,अब तुझको आज बताऊंगा
सीधे सीधे तुझको क्या है   ,तेरी  औकात  दिखाऊंगा
तुम चीन साथ मे ले करके,इस तरह यहां जो फूल रहे 
हम बाप तुम्हारे लगते है ,इतनी जल्दी क्यो भूल रहे 
हम विष्व गुरु थे किंतु आज ,अपने लोगो से हारे है 
पर नभ में थे ,और नभ में है ,हम आज भी नभ के तारे है 
तुम जैसो से   गर   डर   जाए वो  मेरा   हिन्दुस्तान   नही 
या तो मर जायेंगे उस दिन या तो फिर पाकिस्तान नही 
इतिहास गवाही है हमने ना    पहले वार किया था 
तेरी ही हरकत का पापी थोड़ा सा जवाब दिया था
हम मृत्यु चाहते है   तेरे  दस  मार के   मर  जायेंगे
भारत की तरफ बढ़ी गोली ,अपने सीने पर खाएंगे 
गांधी जी को पढ़ लिया बहुत अब बोस सिखाया जाएगा 
यदि पाप विश्व...............🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
इन छुप छुप वारो में एक एक सैनिक यदि मरते जाएंगे 
तो     पाकिस्तानी   चूहे भी  सीने    पर चढ़ते   जाएंगे
मोदी जी से यह आग्रह है ,सीमा पर ये सब बंद करो  
या तो शांति कर दो इनमे,या आगे बढ़कर युद्ध करो 
गर युद्ध मे मारे जाए तो ,हमको न कोई गम होगा 
बलिदान देश के खातिर हो इतना ही नही कम होगा 
लेकिन इससे पहले होगा जो पाकिस्तान वो जानेगा
भारत के क्रोध शौर्यता को ये पूरा जग पहचानेगा
हम डरते नही है थोड़ा भी इनके जैसे हैवानो से 
ये हवा के मामूली झोंके हम लड़ते है तुफानो से 
मैं हाश्य करुण भी लिखता हूँ मैं लिखता हूँ श्रृंगारों पर
पर नौबत जब आ जाती है तो लिखता हूँ अंगारो पर 
वैसे तो अविरल रहता हूँ संकट में सघन बन जाऊंगा 
मैं कलम छोड़कर सीमा पर जाकर बंदूक उठाऊंगा 
फिर सीमा पार ये भारत ध्वज अपना लहराया जाएगा 
यदि पाप ......................................  🚩🚩🚩
                                         अभिनव विकल✍️
★कलम छोड़ कर सीमा पर ★
इतिहास पूर्वजो वाला अब फिर से दोहराया जाएगा 
यदि पाप विश्व भर में फैला तो विश्व मिटाया जाएगा 
इतिहास पूर्वजो वाला ..................🚩🚩🚩🚩
यह कृष्णभूमि यह रामभूमि ,यह मातृभूमि मेरी जन्मभूमि 
हम स्वर्ग से वापस आ जाये ,जो तनिक पुकारे मातृभूमि 
भारत ही है मेरा जीवन ,भारत ही मेरे प्राण आज  
भारत भविष्य का ज्ञाता है ,भारत मे ही सब छुपे राज
भारत की अजब कहानी है ,भारत की व्यथा पुरानी है 
तुफानो के रुख मोड़े जो वो भरत वंश का पानी है 
भारत हो तुम भारत हूँ मैं ,भारत ही तो अपना दिल है
भारत से शुरू मेरी दुनिया ,भारत ही मेरी मंजिल है  
भारत ही अपनी धड़कन है ,भारत ही बसा है साँसों में 
भारत अपने अहसासों में ,भारत अपने विश्वासो में 
भारत माता को दुष्टो की नजरों से बचाया जाएगा 
यदि पाप विश्व भर में फैला तो ...............🚩🚩🚩🚩
ऐ दुष्ट पाक ,ना  कोई बात ,अब तुझको आज बताऊंगा
सीधे सीधे तुझको क्या है   ,तेरी  औकात  दिखाऊंगा
तुम चीन साथ मे ले करके,इस तरह यहां जो फूल रहे 
हम बाप तुम्हारे लगते है ,इतनी जल्दी क्यो भूल रहे 
हम विष्व गुरु थे किंतु आज ,अपने लोगो से हारे है 
पर नभ में थे ,और नभ में है ,हम आज भी नभ के तारे है 
तुम जैसो से   गर   डर   जाए वो  मेरा   हिन्दुस्तान   नही 
या तो मर जायेंगे उस दिन या तो फिर पाकिस्तान नही 
इतिहास गवाही है हमने ना    पहले वार किया था 
तेरी ही हरकत का पापी थोड़ा सा जवाब दिया था
हम मृत्यु चाहते है   तेरे  दस  मार के   मर  जायेंगे
भारत की तरफ बढ़ी गोली ,अपने सीने पर खाएंगे 
गांधी जी को पढ़ लिया बहुत अब बोस सिखाया जाएगा 
यदि पाप विश्व...............🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
इन छुप छुप वारो में एक एक सैनिक यदि मरते जाएंगे 
तो     पाकिस्तानी   चूहे भी  सीने    पर चढ़ते   जाएंगे
मोदी जी से यह आग्रह है ,सीमा पर ये सब बंद करो  
या तो शांति कर दो इनमे,या आगे बढ़कर युद्ध करो 
गर युद्ध मे मारे जाए तो ,हमको न कोई गम होगा 
बलिदान देश के खातिर हो इतना ही नही कम होगा 
लेकिन इससे पहले होगा जो पाकिस्तान वो जानेगा
भारत के क्रोध शौर्यता को ये पूरा जग पहचानेगा
हम डरते नही है थोड़ा भी इनके जैसे हैवानो से 
ये हवा के मामूली झोंके हम लड़ते है तुफानो से 
मैं हाश्य करुण भी लिखता हूँ मैं लिखता हूँ श्रृंगारों पर
पर नौबत जब आ जाती है तो लिखता हूँ अंगारो पर 
वैसे तो अविरल रहता हूँ संकट में सघन बन जाऊंगा 
मैं कलम छोड़कर सीमा पर जाकर बंदूक उठाऊंगा 
फिर सीमा पार ये भारत ध्वज अपना लहराया जाएगा 
यदि पाप ......................................  🚩🚩🚩
                                         अभिनव विकल✍️