दाने की खोज में आई हूँ दूर से बस इक दरख्वास्त है

दाने की खोज में 
आई हूँ दूर से
बस इक दरख्वास्त है
मेरी हुजुर से

थोड़ा सा दाना मिले
थोड़ी सी पानी 
कर दें जो आप
जरा सी मेहरबानी

चीं चीं कर आपका
करूँगी गुणगान
दुनियाँ में आपका भी
बढ़ जाए मान

चार दाने बच्चों के
वास्ते ले जाऊंगी
उनका भी पेट भरे
तो मै सुख पाऊँगी

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
  #चिड़िया
play