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स्याही में ज़हर गोल बैठा हूँ कागज़ को मैं अपनी क़लम स

स्याही में ज़हर गोल बैठा हूँ
कागज़ को मैं अपनी क़लम से निचोड़ बैठा हूँ
कोई आए राक्षस रूप सामने मेरे 
महाकाली का मैं रौद्ररूप लिए बैठा हूँ
खून पीना है मुझे इसी लिए एक हाथ में कटोरा 
और दूसरे हाथ में रक्तबीज लिए बैठा हूँ स्याही में ज़हर गोल बैठा हूँ
कागज़ को मैं अपनी क़लम से निचोड़ बैठा हूँ
कोई आए राक्षस रूप सामने मेरे 
महाकाली का मैं रौद्ररूप लिए बैठा हूँ
खून पीना है मुझे इसी लिए एक हाथ में कटोरा 
और दूसरे हाथ में रक्तबीज लिए बैठा हूँ

  #माँ #महादेव #rekhta #Nojoto #poetrycommunity #writerscommunity #karanborana
स्याही में ज़हर गोल बैठा हूँ
कागज़ को मैं अपनी क़लम से निचोड़ बैठा हूँ
कोई आए राक्षस रूप सामने मेरे 
महाकाली का मैं रौद्ररूप लिए बैठा हूँ
खून पीना है मुझे इसी लिए एक हाथ में कटोरा 
और दूसरे हाथ में रक्तबीज लिए बैठा हूँ स्याही में ज़हर गोल बैठा हूँ
कागज़ को मैं अपनी क़लम से निचोड़ बैठा हूँ
कोई आए राक्षस रूप सामने मेरे 
महाकाली का मैं रौद्ररूप लिए बैठा हूँ
खून पीना है मुझे इसी लिए एक हाथ में कटोरा 
और दूसरे हाथ में रक्तबीज लिए बैठा हूँ

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स्याही में ज़हर गोल बैठा हूँ कागज़ को मैं अपनी क़लम से निचोड़ बैठा हूँ कोई आए राक्षस रूप सामने मेरे महाकाली का मैं रौद्ररूप लिए बैठा हूँ खून पीना है मुझे इसी लिए एक हाथ में कटोरा और दूसरे हाथ में रक्तबीज लिए बैठा हूँ #माँ #महादेव #rekhta # #poetrycommunity #writerscommunity #KaranBorana