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रोला छन्द  गीत  हरते सबके कष्ट हैं , देखो राधेश्या

रोला छन्द  गीत 
हरते सबके कष्ट हैं , देखो राधेश्याम ।
घर-घर सुमिरन हो रहा , राधा कान्हा नाम ।।दो०

आए हैं घनश्याम  , संग राधा को लेकर ।
कर लो उन्हें प्रणाम , खड़े है यमुना तटपर ।।
आए हैं घनश्याम ....
बरसेगा अब प्रेम , धरा पर रिमझिम-रिमझिम ।
देख गगन में आज , सितारे करते टिम-टिम ।।
मगन सभी है लोग , खबर कान्हा की पाकर ।
आए तारन हार , खुशी है अब यह घर-घर ।।
आए हैं घनश्याम .....
बरस रहें है मेघ , बोलते देखो दादुर ।
पवन चली है जोर , खुशी से होकर आतुर ।।
सभी जताएं हर्ष , आज देखो जी भरकर ।
कान्हा राधा संग , सभी के रहते घर-घर ।।
आए है घनश्याम ....
मंदिर-मंदिर आज , भीड़ भक्तों की भारी ।
स्वागत में तैयार , जगत की हर नर नारी ।।
मेवा फल औ फूल , सभी लाएं हैं चुनकर ।
अधरो पर मुस्कान , निखर आई है खुलकर ।।
आए हैं घनश्याम.....
हाथ जोड़ सब लोग अब , कर लो इन्हें प्रणाम ।
प्रकट भये घनश्याम फिर , देखो मथुरा धाम ।।दो०
आए हैं घनश्याम , संग राधा को लेकर ।
कर लो उन्हें प्रणाम , खड़े हैं यमुना तट पर ।।

०६/०९/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रोला छन्द  गीत 


हरते सबके कष्ट हैं , देखो राधेश्याम ।

घर-घर सुमिरन हो रहा , राधा कान्हा नाम ।।दो०
रोला छन्द  गीत 
हरते सबके कष्ट हैं , देखो राधेश्याम ।
घर-घर सुमिरन हो रहा , राधा कान्हा नाम ।।दो०

आए हैं घनश्याम  , संग राधा को लेकर ।
कर लो उन्हें प्रणाम , खड़े है यमुना तटपर ।।
आए हैं घनश्याम ....
बरसेगा अब प्रेम , धरा पर रिमझिम-रिमझिम ।
देख गगन में आज , सितारे करते टिम-टिम ।।
मगन सभी है लोग , खबर कान्हा की पाकर ।
आए तारन हार , खुशी है अब यह घर-घर ।।
आए हैं घनश्याम .....
बरस रहें है मेघ , बोलते देखो दादुर ।
पवन चली है जोर , खुशी से होकर आतुर ।।
सभी जताएं हर्ष , आज देखो जी भरकर ।
कान्हा राधा संग , सभी के रहते घर-घर ।।
आए है घनश्याम ....
मंदिर-मंदिर आज , भीड़ भक्तों की भारी ।
स्वागत में तैयार , जगत की हर नर नारी ।।
मेवा फल औ फूल , सभी लाएं हैं चुनकर ।
अधरो पर मुस्कान , निखर आई है खुलकर ।।
आए हैं घनश्याम.....
हाथ जोड़ सब लोग अब , कर लो इन्हें प्रणाम ।
प्रकट भये घनश्याम फिर , देखो मथुरा धाम ।।दो०
आए हैं घनश्याम , संग राधा को लेकर ।
कर लो उन्हें प्रणाम , खड़े हैं यमुना तट पर ।।

०६/०९/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रोला छन्द  गीत 


हरते सबके कष्ट हैं , देखो राधेश्याम ।

घर-घर सुमिरन हो रहा , राधा कान्हा नाम ।।दो०

रोला छन्द  गीत  हरते सबके कष्ट हैं , देखो राधेश्याम । घर-घर सुमिरन हो रहा , राधा कान्हा नाम ।।दो० #कविता