मैंने पूछा एक रोज़ जब मिली वह किसी महफ़िल में और बता कैसी है, जिसे दुनिया जिंदगी और हम दोनों हमेशा समझौता कहते है, बड़ा ही दिलचस्प जवाब था उसका - जिंदगी हमारी मस्त है, देख कर हमें ऐसा लोग कहते हैं.! मैंने कहा - तुम भी मेरी तरह लोगों की आँखों में धूल झोंकना सीख गई हाँ.. तुम भी आँसू छुपाकर, झूठ वाला सच बोलना सीख गई! एक खास मित्र से बातचीत के कुछ अंश..! इसे बात की तरह ही पढ़ी जाए तो लिखने वालों को सुकून मिलेगा बाकी जैसे David Dhawan को किसी ने ना रोका ख़ुद की movie का ख़ुद ही रीमेक करने का आपको भी कौन रोकेगा #kumaarsthought