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क्यों हम ईर्ष्या और द्वेष को कभी भुला नहीं पाते है

क्यों हम ईर्ष्या और द्वेष को कभी भुला नहीं पाते हैं,
क्यों हम  छोटी से छोटी  बातों पर भी  रूठ जाते हैं।

किसी की  भावना  आहत हो तो  आहत मैं होता हूँ,
किसी का भी दिल दूखे  मेरी वजह से तो मैं रोता हूँ।

क्यों करता है अपना पराया, यहाँ ना तेरा ना मेरा है,
प्रेम से जीना सीख ले दुनिया चार दिनों का बसेरा है।

चलो हम अपने रिश्तों को अंततः टूटने से बचाते हैं,
आओ सारे  गिले-शिकवे  भुलाकर  एक हो जाते हैं। #___NOTE___कृपया_फोंट_कलर_ब्लैक_इस्तेमाल_करें।

Writing skill development challenge :‌ 7
         दिए गए विषय पर Collab कर अपनी मर्जी से ( कविता ) रचना लिखें, अपनी रचना के Caption में अपने किसी मित्र को Tag करें और इस Post की Comment Box में  Done  लिखें। शब्दों और पंक्तियों की कोई सीमा नहीं।एक दूसरे की रचनाएँ पढ़ें, सीखें और सिखाएँ।
रोज़ाना लिखते  रहें और लेखन कला में माहिर बने।

Shayari Aaj Bhi शायरी‌ आज‌ भी
Shayari Aaj Bhi
क्यों हम ईर्ष्या और द्वेष को कभी भुला नहीं पाते हैं,
क्यों हम  छोटी से छोटी  बातों पर भी  रूठ जाते हैं।

किसी की  भावना  आहत हो तो  आहत मैं होता हूँ,
किसी का भी दिल दूखे  मेरी वजह से तो मैं रोता हूँ।

क्यों करता है अपना पराया, यहाँ ना तेरा ना मेरा है,
प्रेम से जीना सीख ले दुनिया चार दिनों का बसेरा है।

चलो हम अपने रिश्तों को अंततः टूटने से बचाते हैं,
आओ सारे  गिले-शिकवे  भुलाकर  एक हो जाते हैं। #___NOTE___कृपया_फोंट_कलर_ब्लैक_इस्तेमाल_करें।

Writing skill development challenge :‌ 7
         दिए गए विषय पर Collab कर अपनी मर्जी से ( कविता ) रचना लिखें, अपनी रचना के Caption में अपने किसी मित्र को Tag करें और इस Post की Comment Box में  Done  लिखें। शब्दों और पंक्तियों की कोई सीमा नहीं।एक दूसरे की रचनाएँ पढ़ें, सीखें और सिखाएँ।
रोज़ाना लिखते  रहें और लेखन कला में माहिर बने।

Shayari Aaj Bhi शायरी‌ आज‌ भी
Shayari Aaj Bhi