सामने होती हूँ तो आँखों से उतर कर, तुम्हारी उदासियाँ चुनती हूँ, दूर हो कर मन में तुम्हारी तस्वीर खींचती हूँ, चाहे जितना रोष दिखाऊँ, हर बार तुम्हारे होठों पर हँसी ही रखती हूँ। सामने होती हूँ तो आँखों से उतर कर, तुम्हारी उदासियाँ चुनती हूँ, दूर हो कर मन में तुम्हारी तस्वीर खींचती हूँ, चाहे जितना रोष दिखाऊँ, हर बार तुम्हारे होठों पर हँसी ही रखती हूँ। #yqdidi#yqbaba#उदासी#हँसी