जहाँ कभी डर लगता था, आज वहाँ सुकून मिलता हैं। जहाँ कभी भूत रहा करते थे, आज वहाँ हकीकत हैं। जहाँ कभी खुद को अकेला पाकर मौत का डर सताता था, आज वहाँ खुद को अकेला पाकर जीने की राह नजर आती हैं। जहाँ कभी फंस जाने पर समझ नहीं आता था कि आगे क्या होगा, आज वही बैठ कर आगे क्या होगा यह पक्का होता हैं। जहाँ कभी माँ बाप का ख्याल आता था, आज वहाँ सिर्फ माँ बाप का ही ख्याल सताता है जहाँ की खामोशी में कभी शोर मचा रहता था, आज वहाँ की खामोशी में दिल का शोर भी शांत हो जाता हैं। जहाँ कभी सहारा ढूँढा करते थे, आज वहाँ खुद को ही अपना सहारा पाते हैं। जहाँ कभी फंस जाने पर हजारों सवाल खड़े हो जाते थे, आज वहाँ हजारों सवालों के जवाब मिल जाते हैं। #alone #loneliness #shor #poem #kavita