सियासत बाँट कर हमको अपना काम है करती। कहीँ हिन्दू बनी धरती कहीँ मुस्लिम बनी धरती फ़ितरत साँप कि है काटना वो काट कर छोड़े सियासत में शराफ़त कि अदायें हो नही सकती। ✍ प्रकाश प्रीतम ✍ ©कवि प्रीतम #शायरी #Books #कवि_प्रकाश_प्रीतम #kaviprakashpritam