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हम मर बैठे थे जिस चेहरे पर, वो चेहरा नहीं नकाब था।

हम मर बैठे थे जिस चेहरे पर, वो चेहरा नहीं नकाब था। 
जिसे हम अपना बनाने चले थे, वो किसी और का जनाब था। 
 सोचा आज नहीं तो कल, हम एक हो जायेंगे,
दरअसल ये कभी भी पूरा ना होने वाला एक ख्वाब था

©hiteshprajapati1015 #Shayar 

#chehara
हम मर बैठे थे जिस चेहरे पर, वो चेहरा नहीं नकाब था। 
जिसे हम अपना बनाने चले थे, वो किसी और का जनाब था। 
 सोचा आज नहीं तो कल, हम एक हो जायेंगे,
दरअसल ये कभी भी पूरा ना होने वाला एक ख्वाब था

©hiteshprajapati1015 #Shayar 

#chehara