ज़मीं से फ़लक तक, जमीं से फ़लक तक सितारों को सजाया है, खिजां से बहार तक फूलों को महकाया है, मैं क्या तारीफ करू तेरे नूर ऐ हुस्न की तुझे देख कर तो आज चांद भी सरमाया है। #zameen #noor #hushn #love खिजां= पतझड़