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जब हम छोटे बच्चे थे सच्चाई से अनजान थे तब हम कितने

जब हम छोटे बच्चे थे
सच्चाई से अनजान थे
तब हम कितने अच्छे थे
जब हम छोटे बच्चे थे
मन कोमल था सूरत भोली थी
और टूटी -फूटी बोली थी
जब डग - मग डग - मग चलते थे
तब माँ बाप के दिल हिलते थे
रूठ जाएँ अगर तो
खिलौनों और मिठाइयों के ढेर लगते थे
जब हुक्म हमारा चलता था
तब हम कितने अच्छे थे
जब हम छोटे बच्चे थे

©Pratyusha Palei
  #जब हम छोटे बच्चे थे 🙂

#जब हम छोटे बच्चे थे 🙂 #Thoughts

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