जब-जब बिखरे सपने , खुद से उम्मीद में खोता हूँ तब-तब तकिए के नीचे , रख सिर बेहद रोता हूँ.. देखे हैं ख़्वाब जो , भीड़ से मैंने इतर-बितर हल्की सी सिकन ज़िहन में ना ये जाएँ बिखर बेशक इक ज्वाला सीने में , है धधक रही पर खौफ से खाक-ए-ख़्वाब, रूह भी फफक रही.. जब-जब अपनों का साथ , कभी मैं खोता हूँ तब-तब तकिए के नीचे रख सिर बेहद रोता हूँ.. मनोगुरु #nojotohindi #nojoto #Nojotoenglish #hindi #ख़्वाब #शायरी #नज़्म #सपना #उम्मीद #NojotoWodHindiQuoteStatic #zindgi अतुल हिंदुस्तानी baljeetsingh7998 Satyaprem Internet Jockey Dalchand Anushka Verma