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बहाए आँसू बेहिसाब हमने तेरी हिज्र में हुए हैं हाल

बहाए आँसू बेहिसाब हमने तेरी हिज्र में
हुए हैं हाल भी बेहाल इक तेरी फिक्र में।
तू बदनामी मान इसे या शोहरत-ए-वफ़ा
नाम तेरा भी आता हैं मेरे हरेक जिक्र में।।
 #Mypoetry149

#हिज्र=#जुदाई,बिछड़न
#हरेक=#प्रत्येक,हर-एक
बहाए आँसू बेहिसाब हमने तेरी हिज्र में
हुए हैं हाल भी बेहाल इक तेरी फिक्र में।
तू बदनामी मान इसे या शोहरत-ए-वफ़ा
नाम तेरा भी आता हैं मेरे हरेक जिक्र में।।
 #Mypoetry149

#हिज्र=#जुदाई,बिछड़न
#हरेक=#प्रत्येक,हर-एक

#mypoetry149 हिज्र=#जुदाई,बिछड़न हरेक=#प्रत्येक,हर-एक