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अपने जुदा-जुदा हैं सपने जुदा-जुदा हम इक शहर में रह

अपने जुदा-जुदा हैं सपने जुदा-जुदा
हम इक शहर में रहके कितने जुदा-जुदा 
दो चाक इक धुरी पर चलते तो हैं मगर
जितने करीब हैं वो उतने जुदा-जुदा 

@धर्मेन्द्र तिजोरीवाले "आज़ाद" #जुदा-जुदा
अपने जुदा-जुदा हैं सपने जुदा-जुदा
हम इक शहर में रहके कितने जुदा-जुदा 
दो चाक इक धुरी पर चलते तो हैं मगर
जितने करीब हैं वो उतने जुदा-जुदा 

@धर्मेन्द्र तिजोरीवाले "आज़ाद" #जुदा-जुदा

#जुदा-जुदा