Nojoto: Largest Storytelling Platform

यूं तो मैं बहुत कम बोलता हूं अक्सर l अपनों

यूं  तो  मैं  बहुत  कम  बोलता  हूं  अक्सर l
अपनों   के   ताने  सुन  लेता  हूं   हंसकर ll

मगर   इसका   ये   मतलब   हरगिज़   नही,
मेरे  सीने  में  दिल की जगह रखा है पत्थर l

ज़माने  के  दस्तूर  कुछ ऐसे है कि, दिल में,
चाहे कितने द्वेष हो, हाथ मिलाओ हंसकर l

मुंह में ज़बान है तो जरूरी नही बोलना ही है,
कभी कभी सुना करो दूसरों की चुप रहकर l

ये  सज़ा  है  घर  में  ज्यादा  समझदार  होने की,
सब तुम्हीं से कहते है, कोई नही बेटा सहनकर ll
_____________
March 2024

©Dimple Kumar
  #Apocalypse