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शिव जी के नंदी जी का परिचय शिलाद ऋषि के पितरों ने

शिव जी के नंदी जी का परिचय

शिलाद ऋषि के पितरों ने उनसे 
वंश बढ़ाने के लिए कहा, 
शिलाद ऋषि ने भगवान शिव की घोर तपस्या कर के एक अयोनिज और मृत्युहीन पुत्र का वर मांगा।
एक दिन जब शिलाद ऋषि भूमि जोत रहे थे 
तो उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई 
उसका नाम उन्होंने नंदी रखा 
एक दिन ऋषि के आश्रम में 
मित्रा और वरुण नामक मुनि आये 
उन्होने कहा ये पुत्र तो अल्पायु है।
ऋषि बहुत दुखी हुए उन्होने 
नंदी से शिव की आराधना करने को कहा 
तो शिवजी ने उत्तर दिया 
तुम मेरे वरदान से उत्पन्न हुए हो तो 
तुम्हे मृत्यु से कोई भय नही 
अब तुम मेरे प्रिय वाहन होंगे और गणाधीश भी होंगे।

©मेरी प्यारी मां #शिवजी 
#नंदी
शिव जी के नंदी जी का परिचय

शिलाद ऋषि के पितरों ने उनसे 
वंश बढ़ाने के लिए कहा, 
शिलाद ऋषि ने भगवान शिव की घोर तपस्या कर के एक अयोनिज और मृत्युहीन पुत्र का वर मांगा।
एक दिन जब शिलाद ऋषि भूमि जोत रहे थे 
तो उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई 
उसका नाम उन्होंने नंदी रखा 
एक दिन ऋषि के आश्रम में 
मित्रा और वरुण नामक मुनि आये 
उन्होने कहा ये पुत्र तो अल्पायु है।
ऋषि बहुत दुखी हुए उन्होने 
नंदी से शिव की आराधना करने को कहा 
तो शिवजी ने उत्तर दिया 
तुम मेरे वरदान से उत्पन्न हुए हो तो 
तुम्हे मृत्यु से कोई भय नही 
अब तुम मेरे प्रिय वाहन होंगे और गणाधीश भी होंगे।

©मेरी प्यारी मां #शिवजी 
#नंदी