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थोड़ी सी उलजी थोड़ी सी बेबाक। थोडी सी रुकी हरकदम च

थोड़ी सी उलजी
थोड़ी सी बेबाक।
थोडी सी रुकी हरकदम चलती सी 
कंहा ईक जैसी है रहती 
ये तो रोज ब रोज बदलती है 
तेरी मेरी जिंदगी ।।

ये तो घड़ी की सुईया नही 
जो एक ढर्रे पे ईक सी चलती रहे ।।
येतो रोज नये नये रंग ढंग दिखाईगी
तेरी मेरी ये जिंदगी
थोड़ी सी उलजी
थोड़ी सी बेबाक।
थोडी सी रुकी हरकदम चलती सी 
कंहा ईक जैसी है रहती 
ये तो रोज ब रोज बदलती है 
तेरी मेरी जिंदगी ।।

ये तो घड़ी की सुईया नही 
जो एक ढर्रे पे ईक सी चलती रहे ।।
येतो रोज नये नये रंग ढंग दिखाईगी
तेरी मेरी ये जिंदगी