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न मालूम कितने पथरो के सामने सर झुके.......

न मालूम  कितने  पथरो    के  सामने  सर झुके.......  और न जाने  कितने   शब्दों  मे  उसकी प्रार्थना रची गईं .... और न जाने  कितने  शास्त्र  उसकी   प्रशस्ति मे  लिखें और  पढ़े  गए..... लेकिन   जिसे    ईश्वर  या  खुदा   कहा जाता है  वो  स्वर्ग  से  नीचे  उत्तर  कर धरती पर आया नहीं  है..... उसका ये संदिग्ध   अस्तित्व  मानव   को युगो से  भृमित   कर रहा है. संदिग्ध अस्तित्व.........
न मालूम  कितने  पथरो    के  सामने  सर झुके.......  और न जाने  कितने   शब्दों  मे  उसकी प्रार्थना रची गईं .... और न जाने  कितने  शास्त्र  उसकी   प्रशस्ति मे  लिखें और  पढ़े  गए..... लेकिन   जिसे    ईश्वर  या  खुदा   कहा जाता है  वो  स्वर्ग  से  नीचे  उत्तर  कर धरती पर आया नहीं  है..... उसका ये संदिग्ध   अस्तित्व  मानव   को युगो से  भृमित   कर रहा है. संदिग्ध अस्तित्व.........

संदिग्ध अस्तित्व.........