यहां दिन में भी आज रात हो गई है जब तुम से मेरी मुलाकात हो गई है। खामोश लब है हम दोनों के फिर भी आंखों से बहुत सारी बात हो गई है। कहे कैसा है तुम्हारा सजना सवरना जैसे खुद ही तू पारिजात हो गई है। जाने कब खुलेगा लॉकडाउन यहां का हद से ज्यादा प्यार की बरसात हो गई है। ©sanjay kushekar #Shayari #गजल #sanjaykuahekar