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क्या करोगे यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हम

क्या करोगे


 यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे
मानता हु कि अभी हम कुछ नहीं तुम्हारे,
 मगर जो हमे कुछ मान बैठे तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

ये प्यार की बातें किताबों में रहने दो,
 हकीकत में दिल लगा बैठे, तो उजड जाओगे
कहते है फिर दुबारा नहीं बसा करते,उजड़े हुए दिल 
 जो हमारे होगये ,तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

क्या कर पाओगी यकीन फिर से इश्क़ पे, 
या ज़माने के डर से बिछड़े तो न जाओगे
बन्झर से दिलों के इस बीरान सफर में
 ताउम्र साथ चल पाओगे 

क्या कह पाओगे ज़माने को की फिर से इश्क हुआ है, 
या डर के ज़माने से फिर भागा जाओगे

©Capital_Jadon
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