मेरी जिंदगी भी है हैजान सी। मैं भी कोई साहिर नहीं।। मैं भी तुम्हारी तरह ही दिखता हूं। सच कहूं तो टूटता हूं मैं भी, और उस कांच की तरह ही टूट कर बिखरता हूं! हा माना कुछ कहानियों में मैं नायक। कुछ की कहानियों में खलनायक सा।। कुछ की कहानियों का दोस्त। कुछ ज़िंदगी का अनजाना सा बस एक झोके वाला सुखन –वर।। हा माना थोड़े उर्दू के अल्फाजों के बहाव लिख रहा हूं! पर सच कहूं तो ज़िंदगी के दर्द भरे घाव लिख रहा हूं।। हा चहरे पे तो छाई कुछ उदासी है। लिख दु अपनी कलम से बस इतनी सी तो फरियादी है।। हा माना तुम्हारी जिंदगी के पन्ने मैं अपनी कविता में लिख रहा हूं। तुम्हारे दर्द तुम्हारे घाव पे लोगो का ध्यान तो खीच रहा हूं।। तुम्हे आज भी उन सवालों से बचना है। अपने तंग ऊथल पुथल विचारो से भी दूर तक बचना है।। पर दोस्त भागना और भागना ये आजादी तो नहीं! बस तुम भी मेरे छंद आज डूब जाओ कुछ सच है तो चिला चिला कर दुनिया को बताओ ।। की हा तुम्हे कुछ कहना है । हा तुम्हे कुछ कहना है।। कि मेरी जिंदगी भी है हैजान सी! मेरी जिंदगी भी है हैजान सी......... ©Ahsas Alfazo ke जिंदगी हैजान सी #life #meaningfullpoetry #mature #Galaxy Jugal Kisओर