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White कुछ लरज़ते, कुछ सिसकते अल्फाज़ लिखे हैं अपनी

White कुछ लरज़ते, कुछ सिसकते अल्फाज़ लिखे हैं अपनी चाहतों को, टूटे, बिखरे परवाज़ लिखे हैं

महफूज़ रखा है मैंने अब तक जिसकी यादों को आलम-ए-बेखुदी में उसे, हमदम, हमनवाज़ लिखे हैं

लोग चाहत का दम भरते हैं, फ़क़त दिखावे के लिए खुदगर्ज़ दुनिया का अजब रस्म-ओ-रिवाज़ लिखे हैं

कभी हक़ीक़त, कभी ख़्वाब सा जज़्ब है आँखों में एक तरफ़ा मोहब्बत का ये, चश्म-ए-नाज़ लिखे हैं

नज़रअंदाज़ी से भी जिसके, हम हो न सके ख़फ़ा उनकी ख़ामोशी को हम,गुफ़्तगू-ए-अंदाज़ लिखे हैं..!!

©Kanchan Agrahari
  #rajdhani_night  Anshu writer meow meow @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 The Janu Show - @छोटे हार्दिक