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रात अंधेरी दूर है मंजिल,,कर भोर की प्रतीक्षा या,,,

रात अंधेरी दूर है मंजिल,,कर भोर की प्रतीक्षा
या,,,,,,
कोई दीप तो जला ले मुसाफिर।

अंधियारा छाया चारों ओर,राह में भटक ना जाना
हो सके,,,,,
कोई दीप तो जला ले मुसाफिर।

कायर मन की मत सुन प्यारे, भटक रहे  चहुं ओर
इस लिए,,,
कोई दीप तो जला ले मुसाफिर।

दीप हो, प्रेम, विश्वास, निष्ठा, श्रद्धा और भक्ति का
तब ,,,,,
तेल ज्ञान का बाती मन की जलाले,
अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻

©Ashutosh Mishra
  #ArabianNight 

रात अंधेरी दूर है मंजिल,कर भोर की प्रतीक्षा।
या,,,,,,,
   कोई दीप तो जला ले  मुसाफिर।
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#ArabianNight रात अंधेरी दूर है मंजिल,कर भोर की प्रतीक्षा। या,,,,,,, कोई दीप तो जला ले मुसाफिर। #Nojototrnding #nojotopoem #nojotohindi #कविता

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