मैं भूखी दिन आज सजना की सोलह श्रृंगार रे.. भरी-भरी #चूड़ी हाथ पहनी मांग में सिंदूर रे.. माथे पे बिंदियां है लाली आंख में #कजरा रे.. तू साजन किस ओर गया है जल्दी आओ शाम रे.. प्यासी मैं हूं प्यार की तेरी बन जा मेरा तू चांद रे.. प्यासी नैना तेरी ख़ातिर प्यासी है ये शाम रे.. #अजय57