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'तेरे अधरन कों देख करत मेरे अधर हैं बातें' तेरे अ

'तेरे अधरन कों देख करत मेरे अधर हैं बातें'

तेरे अधरन कों देख करत मेरे अधर हैं बातें,
छिन गयो चैना इनको ,नहिं कटे अब इनकी हैं रातें।

मिलन को तेरे अधरन सौं,
ये भांति भांति मंसूबे हैं बनावत।

'तेरे अधरन कों देख करत मेरे अधर हैं बातें' तेरे अधरन कों देख करत मेरे अधर हैं बातें, छिन गयो चैना इनको ,नहिं कटे अब इनकी हैं रातें। मिलन को तेरे अधरन सौं, ये भांति भांति मंसूबे हैं बनावत। #Poetry

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