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जर्रे -जर्रे, टुकड़े - टुकड़े को समेटने में दिन रा

जर्रे -जर्रे, टुकड़े - टुकड़े को समेटने में
दिन रात लगा हूं,
कुछ लोग मुझे तोड़ने में लगे है,
और में हूं की जोड़ने में लगा हूं।

©Bhupendra Singh Solanki जर्रे

#002
जर्रे -जर्रे, टुकड़े - टुकड़े को समेटने में
दिन रात लगा हूं,
कुछ लोग मुझे तोड़ने में लगे है,
और में हूं की जोड़ने में लगा हूं।

©Bhupendra Singh Solanki जर्रे

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जर्रे 002 #शायरी