White तुझे लिखना ही मेरा काम क्यूँ है तेरा याद आना ही इलहाम क्यूँ है जुलाई में अगर टूटा था ये दिल तो फिर ये #फरवरी बदनाम क्यूँ है कभी नफ़रत को भी सूली चढ़ाओ मुहब्बत का ही क़त्ल ए आम क्यूँ है हर इक इंसान को चाहत है इसकी फिर उलफ़त इस क़दर बे दाम क्यूँ है जुदाई बेवफ़ाई और आँसू मुहब्बत का यहीं अंजाम क्यूँ है तड़पना और रोना शेर लिखना यहीं सब इश्क़ का इनआम क्यूँ है ... ©dilkibaatwithamit तुझे लिखना ही मेरा काम क्यूँ है तेरा याद आना ही इलहाम क्यूँ है जुलाई में अगर टूटा था ये दिल तो फिर ये #फरवरी बदनाम क्यूँ है कभी नफ़रत को भी सूली चढ़ाओ मुहब्बत का ही क़त्ल ए आम क्यूँ है