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सब कुछ कहकर भी बात अधूरी रहती हैं, न जाने आज-कल क्

सब कुछ कहकर भी बात अधूरी रहती हैं,
न जाने आज-कल क्या मजबूरी रहती है,,

मैं अक्सर बाज़ार में खरीदती हूँ उसको,
चीज़ वही जो ग़ैर जरूरी रहती हैं,,

हैं फ़ासले ये जिनमे दूरियों के निशां नही,
पास आकर भी जिश्मो में दूरी रहती हैं,,

व उसकी जिद्द मेरी लत से बड़ी है मोहित,
फिर क्या वज़ह है जो लबो पे जी हजूरी रहती है,

उसकी ख़ुशबू कोई महकता गुलाब तो नहीं,
फिर भी मेरी साँसों में हमेशा कस्तूरी रहती हैं,,
                                            मोहित•°
                                  M.S.WRITES.•°● 
○.             #In the fame of Anjum Rehbar #Doori rahti hai....

#LoveYouDad
सब कुछ कहकर भी बात अधूरी रहती हैं,
न जाने आज-कल क्या मजबूरी रहती है,,

मैं अक्सर बाज़ार में खरीदती हूँ उसको,
चीज़ वही जो ग़ैर जरूरी रहती हैं,,

हैं फ़ासले ये जिनमे दूरियों के निशां नही,
पास आकर भी जिश्मो में दूरी रहती हैं,,

व उसकी जिद्द मेरी लत से बड़ी है मोहित,
फिर क्या वज़ह है जो लबो पे जी हजूरी रहती है,

उसकी ख़ुशबू कोई महकता गुलाब तो नहीं,
फिर भी मेरी साँसों में हमेशा कस्तूरी रहती हैं,,
                                            मोहित•°
                                  M.S.WRITES.•°● 
○.             #In the fame of Anjum Rehbar #Doori rahti hai....

#LoveYouDad