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हो अमरदीप तुम,कमल लिए बढ़े चलो। सूबह चलो , शाम चलो

हो अमरदीप तुम,कमल लिए बढ़े चलो।
सूबह चलो , शाम चलो,घर घर कमल लिए चलो।
जाति है , न पाती है , हम सब एक साथी हैं।
हम भी हैं , तुम भी हो , हम सब देश के बाती हैं।
हैं राष्ट्र भक्त हम , देश के हम लाठी हैं।।
खील रहा है , मुस्कुरा रहा है , देश आज।
देश बढ़ रहा है , मीट रहा है , क्लेश आज।।
हम राष्ट्र भक्त हैं , राष्ट्र के लिए लड़े चलो,
हो अमरदीप तुम , कमल लिए बढ़े चलो।।
ये सैनिक हैं आपके , एक नहीं कई हांथ है,
खून गर्म करो , जुबां नर्म करो , हम साथ - साथ है।
दिन है , या रात है, मातृ भूमि कि बात है।।
नहीं कोई दुरियां , नहीं तकरार है
अपने मातृभूमि को नमन तुम किए चलो। 
भाजपा के सम्वीधान का अमल तुम किए चलो।।
हो अमरदीप तुम , कमल लिए बढ़े चलो।।
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प्रमोद मालाकार की कलम से

©pramod malakar हो अमरदीप तुम।
हो अमरदीप तुम,कमल लिए बढ़े चलो।
सूबह चलो , शाम चलो,घर घर कमल लिए चलो।
जाति है , न पाती है , हम सब एक साथी हैं।
हम भी हैं , तुम भी हो , हम सब देश के बाती हैं।
हैं राष्ट्र भक्त हम , देश के हम लाठी हैं।।
खील रहा है , मुस्कुरा रहा है , देश आज।
देश बढ़ रहा है , मीट रहा है , क्लेश आज।।
हम राष्ट्र भक्त हैं , राष्ट्र के लिए लड़े चलो,
हो अमरदीप तुम , कमल लिए बढ़े चलो।।
ये सैनिक हैं आपके , एक नहीं कई हांथ है,
खून गर्म करो , जुबां नर्म करो , हम साथ - साथ है।
दिन है , या रात है, मातृ भूमि कि बात है।।
नहीं कोई दुरियां , नहीं तकरार है
अपने मातृभूमि को नमन तुम किए चलो। 
भाजपा के सम्वीधान का अमल तुम किए चलो।।
हो अमरदीप तुम , कमल लिए बढ़े चलो।।
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प्रमोद मालाकार की कलम से

©pramod malakar हो अमरदीप तुम।