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मुंसिफ़ बने फिरतें हैं जो इस जहान के कटधरे में खुद

मुंसिफ़ बने फिरतें हैं जो इस जहान के
कटधरे में खुद को कभी तो खड़ा करें,
गठरी कर्मों की जो भरी पाप पुण्य से
मज़लूम या मुलज़िम है ये तो पता चले।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #मुंसिफ़