White मुझे रोना नहीं आवाज़ भी भारी नहीं करनी जिंदगी की कहानी में अदाकारी नहीं करनी हवा के ख़ौफ़ से लिपटा हुआ हूँ ख़ुश्क टहनी से कहीं जाना नहीं जाने की तय्यारी नहीं करनी हमारा दिल ज़रा उकता गया था घर में रह रह कर यूँही बाज़ार आए हैं ख़रीदारी नहीं करनी ग़ज़ल को कम-निगाहों की पहुँच से दूर रखता हूँ मुझे बंजर दिमाग़ों में शजर-कारी नहीं करनी ©dilkibaatwithamit मुझे रोना नहीं आवाज़ भी भारी नहीं करनी जिंदगी की कहानी में अदाकारी नहीं करनी हवा के ख़ौफ़ से लिपटा हुआ हूँ ख़ुश्क टहनी से कहीं जाना नहीं जाने की तय्यारी नहीं करनी हमारा दिल ज़रा उकता गया था घर में रह रह कर यूँही बाज़ार आए हैं ख़रीदारी नहीं करनी