हिंदुस्तान की जवानी तमाशबीन हैं हम देखते रहते हैं खडे होकर जीवन का जैसे कोई जुलुस जा रहा हैं रुके हैं देख रहे हैं .. कुछ भी हों रहा हैं शोषण हों रहा हैं.. जवान खड़ा हुआ देख रहा हैं अन्याय हों रहा हैं.. जवान खड़ा हुआ देख रहा हैं बेवकूफीया हों रही जवान देख रहा हैं बुद्धिहिनों के नैतृत्व में सक्ता जा रही लेकिन जवान सिर्फ चुपचाप देख रहा हैं ©Parasram Arora तमाशबीन जवानी......