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लगने दो उम्रदराज़ मुझे, मेरी उम्र मुझे बतलाती

लगने दो उम्रदराज़ मुझे,   
 मेरी उम्र मुझे बतलाती हैं, 
                                  कितना लंबा तुम्हारे साथ चली...... 

            कितने बसंत को देखा हैं 
            तुम संग कितनी बरसात चली.......

कितने स्वप्न गढ़े संग में, 
कितने जतन से पूर्ण किया,
       कितने उजाले हर्ष के, कितने दुखो की रात ढली....... 
                                                 लगने दो उम्रदराज़ मुझे,मेरी उम्र मुझे बतलाती है,
                                                 कितना लंबा तुम्हारे साथ चली...............
                                                                                   @पुष्पवृतियां






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©Pushpvritiya हैप्पी वाली एनिवर्सरी महाशय 
 लगने दो उम्रदराज़ मुझे, 
मेरी उम्र मुझे बतलाती हैं, 
                                  कितना लंबा तुम्हारे साथ चली...... 

कितने बसंत को देखा हैं 
            तुम संग कितनी बरसात चली.......
pushpad8829

Pushpvritiya

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हैप्पी वाली एनिवर्सरी महाशय लगने दो उम्रदराज़ मुझे, मेरी उम्र मुझे बतलाती हैं, कितना लंबा तुम्हारे साथ चली...... कितने बसंत को देखा हैं तुम संग कितनी बरसात चली.......

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