खुद को ही बहकाना होता है, इश्क का मतलब ठोकर खाना होता है, रात में जल्दी सोया करो तुम, तुमको मेरे ख्वाब में आना होता है, वही मुसाफिर वही असीरी, मुफलिस का क्या कोई ठिकाना होता है, यूं ही नहीं कोई तुम पर दिल -जां दे देगा, उससे पहले थोड़ा सा मुस्काना होता है....! खुद को ही बहकाना होता है, इश्क का मतलब ठोकर खाना होता है, वही मुसाफिर वही असीरी, मुफलिस का क्या कोई ठिकाना होता है....!