Nojoto: Largest Storytelling Platform

मजदूर दिवस पर... मेहनतकश का बहे पसीना गाँव से लेक

मजदूर दिवस पर...

मेहनतकश का बहे पसीना
गाँव से लेकर रायसीना
लुटाते हैं अपना वो देश पर सब कुछ
पर होते हैं हासिये पर यूँ कुछ
रोटी कपड़ा घर को तरसते
हर महामारी का दंश झेलते
सरकारी मदद की बाट जोहते
जो महल हैं वो बनाते
उसी के सामने झुग्गियों में बसते
ना सरोकार, ना सामाजिक सुरक्षा
बस होती बार बार बेकार समीक्षा
हमने उनके लिये ये किया
हमने उसके वास्ते वो किया
बस चलती रहती यही प्रक्रिया
सरकार करती ताता थैया
नहीं कर सकती हैं घर भेजने को साधन तक मुहैया
मेहनतकशों की हर एक कहानी फल्सफा है
फल्सफे को समझने का माद्दा फना है
मेहनतकशों उठो
अपने पसीने को पहचानो
व्यर्थ मत जाने दो
एक हो जाओ
अधिकारों के लिए अड़ो
न मिले तो लड़ो
बहता है तुम्हारा पसीना
गाँव से लेकर रायसीना..

©vs dixit
  #मजदूरदिवस