मेरी तलाश तुझ तक ही थी । जो तुझ पर ही खत्म करता हूँ बहुत कुछ बाकी था बताने को पर अब यहीँ पर रुकता हूँ । भूल बस इतनी हुई अंजाने में तेरी गहराई में उतरना चाहा जो मुझे उतना अच्छा तैरना नही आता इसलिए उबरने की कोशिश है आँखों का पानी तेरी तेज़ धार का था बहुत हिम्मत की नदी पार करने की पर बहाव की गति को थाम न सका है प्रेम ह्रदय में इतना जितना सोंचा न था अनकहे इश्क़ का बस इजहार न कर सका ©ALOK SHARMA #Love #Life #alone #follow #fo #standAlone