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संगीत में मग्न, वो नाचती है। भूलने को वो सब गम, गु

संगीत में मग्न,
वो नाचती है।
भूलने को वो सब गम,
गुंगरुओ की आवाज में,
खो जाती है।
कहते है सब वो क्या,
खुब नाचती है।
बस उसी को पता है,
उस खूबसूरत नृत्य मे,
वो,
कितने भाव छिपाती है।

©Ujjwal Kaintura #Dance #kavita #Emotion #thought #sunder #Ras #poem #own
संगीत में मग्न,
वो नाचती है।
भूलने को वो सब गम,
गुंगरुओ की आवाज में,
खो जाती है।
कहते है सब वो क्या,
खुब नाचती है।
बस उसी को पता है,
उस खूबसूरत नृत्य मे,
वो,
कितने भाव छिपाती है।

©Ujjwal Kaintura #Dance #kavita #Emotion #thought #sunder #Ras #poem #own