ना जाने क्या है , मगर तेज़ है बहुत , मै आराम-तलबी हूं , वक़्त तेज़ है बहुत , ये निशान के नाम पर , जो ज़ख्म बनाया है , मज़ा तो है इसका , मगर कसक तेज़ है बहुत , कसक तेज़ है बहुत...........