वाहवाही मेरे लफ़्ज़ों की आम है कहते है लोग अमन बड़ा बदनाम है. लिखने का रखता गरूर है ना जाने कैसा ये इंसान है. कैसे बताऊं यारो सूरज के घरोंदे में मेरा मकान है,,जला बहुत हूं मतलबी दुनियां में इस लिए घुमान है. मंज़िल मेरी में जानता हूं,,इस इंसानी जंगल में जवान शेर को सलाम,बूढ़े शेर का कत्लेआम है। 😊✍️6.1aman💥💥 कौन पहचाने मुझे अनजान सफर की रेत हूं.✍️6.1aman #hindishayari#nojotohindi#punjabipoetry#urdushayari#love 🅿️®️❗N©️E___Ⓜ️🅰️🅰️N