अफसोस इतना ही रहा हर ज्ञान से पूर्ण रहा अंहकार ने मुझे बदनाम रावण बना दिया सर्व शक्तिमान से मुझे कमजोर बना दिया अंहकार न होता तो मै भी राम से बेहतर होता हर दशहरे को राम संग में भी पूजा जाता कुछ भी कहों अफसोस जीवन से कभी नहीं जाता ✍ कमल भंसाली रावण का अफसोस