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मैं बैठा यहाँ, नदी किनारे यहां हर आंसू, डूब कर सम

मैं बैठा यहाँ, नदी किनारे 
यहां हर आंसू, डूब कर समा जाएगा 
फर्क न होगा पानी में और आंसू में, 
कोई भी जान न पाएगा 

सोच रहा हूँ कब गिरेंगी 
ये गम की दीवारें
 और आएंगी प्यार की बहारें 
इसलिए बैठा हूँ यहां, 
तेरे गम के सहारे... 
तेरे गम के सहारे... #तेरे #गम #के #सहारे
मैं बैठा यहाँ, नदी किनारे 
यहां हर आंसू, डूब कर समा जाएगा 
फर्क न होगा पानी में और आंसू में, 
कोई भी जान न पाएगा 

सोच रहा हूँ कब गिरेंगी 
ये गम की दीवारें
 और आएंगी प्यार की बहारें 
इसलिए बैठा हूँ यहां, 
तेरे गम के सहारे... 
तेरे गम के सहारे... #तेरे #गम #के #सहारे